रविवार, 25 अक्टूबर 2009
सडकों पर पसरा सन्नाटा
chhath ko लेकर सडकों पर सन्नाटा पसरा रहा। उगते सूर्य के अर्घ देने के बाद सुबह प्रसाद खाने का दौर शुरू हुआ। यह सिलसिला दोपहर तक चला। करीब १० बजे के बाद ही सडकों पर सन्नाटा पसारने लगा था। सन्नाटा शाम ५ बजे तक छाया रहा । इसके बाद सडकों पर भीड़ बढ़ी पर बाज़ारों में रौनक नहीं लौट पाया।
अब सड़क पर संघर्घ करेंगे पासवान
पटना : केंद्र की सत्ता से दूर होने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने सरकारी नीतियों के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है.सोमवार को श्री पासवान सफाईकर्मियों को नियमित वेतन पर बहाल करने ओद की मांगों को लेकर आर ब्लॉक चौराहा पर धरना देंगे. लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के चंद दिनों बाद से ही श्री पासवान का राज्यभर में प्रमंडलीयवार दौरा निर्धारित हुआ. दी थी गिरफ्तारीइस दौरान पिछले तीन माह के अंदर वे सोमवार को तीसरी बार पटना में सड़क पर उतरेंगे. इसके पहले 25 जून को मुसहर आयोग, सफाईकर्मी आयोग व अनुसूचित जाति आयोग बनाने व महादलित आयोग की अनुशंसाओं को सार्वजनिक करने ओद की मांगों को लेकर आर ब्लॉक चौराहा पर वे धरना पर बैठे थे. उक्त मांगों को लेकर व गरीब विरोधी सरकारी नीतियों के खिलाफ श्री पासवान 27 जुलाई को प्रदर्शन करने उतरे और सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ अपनी गिरफ्तारी भी दी. सरकार के खिलाफ लगातार उनके द्वारा चलाये गये इस अभियान का फायदा भी लोजपा को मिला. लगातार दो चुनावों में पार्टी को शानदार जीत हासिल हुई. फूंका मुख्यमंत्री का पुतलाखगड़िया नरसंहार के खिलाफ लोजपा की महानगर इकाई ने रविवार को कारगिल चौक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फूंका. महानगर अध्यक्ष कमाल परवेज ने कहा कि खगड़िया जिले की दो बड़ी घटनाओं में मुख्यमंत्री का नहीं जाना दुखद है. उधर, पार्टी अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रांतीय पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों की बैठक बच्चू प्रसाद वीरू की अध्यक्षता में हुई. पार्टी के प्रदेश महासचिव केशव सिंह ने नरसंहार के लिए खगड़िया के एसपी व डीएसपी के निलंबन को सही ठहराते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है.
नागालैंड की समस्यों का समाधान होगा: निखिल
गया: नागालैंड के राज्यपाल निखिल कुमार ने कहा है कि देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित यह राज्य कई समस्याओं से ग्रस्त है, लेकिन इनसे निपटने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
कुमार ने रविवार को यहां भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोध गया में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नागालैंड पिछले कई वर्षों से अल्पकालीन और दीर्घकालीन समस्याओं से जूझ रहा है, लेकिन आज तक उनका समुचित समाधान नही हो सका है।
उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के निदान के लिए वहां के राज्य सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं। राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने उन्हें नागालैंड के राज्यपाल पद की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी है, जो काफी अहम है।
कुमार ने कहा कि नगालैंड के राज्यपाल को संविधान की धारा 171-ए के तहत अन्य राज्यपालों के मुकाबले अधिक संवैधानिक अधिकार दिए गए हैं, जिससे वहां की समस्याओं से निजात पाने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नगालैंड में शांति और विकास उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इन पर चलकर नागालैंड को देश का सबसे विकसित राज्य बनाया जा सकता है। उन्होंने बिहार से अपने संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार खासकर मगध से उनका अटूट रिश्ता रहा है, जो कभी नहीं टूटेगा।
कुमार ने रविवार को यहां भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोध गया में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नागालैंड पिछले कई वर्षों से अल्पकालीन और दीर्घकालीन समस्याओं से जूझ रहा है, लेकिन आज तक उनका समुचित समाधान नही हो सका है।
उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के निदान के लिए वहां के राज्य सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं। राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने उन्हें नागालैंड के राज्यपाल पद की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी है, जो काफी अहम है।
कुमार ने कहा कि नगालैंड के राज्यपाल को संविधान की धारा 171-ए के तहत अन्य राज्यपालों के मुकाबले अधिक संवैधानिक अधिकार दिए गए हैं, जिससे वहां की समस्याओं से निजात पाने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नगालैंड में शांति और विकास उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इन पर चलकर नागालैंड को देश का सबसे विकसित राज्य बनाया जा सकता है। उन्होंने बिहार से अपने संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार खासकर मगध से उनका अटूट रिश्ता रहा है, जो कभी नहीं टूटेगा।
vratiyon ने दिया argha
पटना। सूर्य उपासना और छठी मैया की पूजा के लिए चार दिनों तक चलने वाले महापर्व छठ के तीसरे दिन आज बिहार की राजधानी पटना सहित राज्य के अन्य भागों में नदी और तालाबों के किनारे विभिन्न घाटों पर व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित अपने मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगियों के साथ पर्यटन विभाग की एक बडी मोटर बोट के जरिए पटना में गंगा नदी के किनारे विभिन्न घाटों का भ्रमण किया।
घाटों के भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने खडे़ होकर व्रतियों और उनके परिजनों को हाथ हिलाकर उन्हें छठ पर्व की बधाई दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना में गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण एक खास स्थिति पैदा हुई थी और गत 18 अक्तूबर को घाटों के निरीक्षण के दौरान स्थिति देखते हुए छठ व्रतियों की सुविधा के लिए और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ निर्णय लिए गए और कम समय में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा सारी व्यवस्था की गई जिसके कारण आज घाटों पर व्रती इतमेनान और बिना भय के अर्घ्य दे रहे हैं।
छठ पर्व के अवसर पर व्रतियों की सुविधा के लिए पटना के विभिन्न घाटों पर तक विभिन्न पूजा समितियों द्वारा की गई व्यवस्था की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पूजा समितियों को उनके अच्छे कार्य के लिए सम्मान स्वरूप राज्य सरकार द्वारा प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित अपने मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगियों के साथ पर्यटन विभाग की एक बडी मोटर बोट के जरिए पटना में गंगा नदी के किनारे विभिन्न घाटों का भ्रमण किया।
घाटों के भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने खडे़ होकर व्रतियों और उनके परिजनों को हाथ हिलाकर उन्हें छठ पर्व की बधाई दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना में गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण एक खास स्थिति पैदा हुई थी और गत 18 अक्तूबर को घाटों के निरीक्षण के दौरान स्थिति देखते हुए छठ व्रतियों की सुविधा के लिए और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ निर्णय लिए गए और कम समय में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा सारी व्यवस्था की गई जिसके कारण आज घाटों पर व्रती इतमेनान और बिना भय के अर्घ्य दे रहे हैं।
छठ पर्व के अवसर पर व्रतियों की सुविधा के लिए पटना के विभिन्न घाटों पर तक विभिन्न पूजा समितियों द्वारा की गई व्यवस्था की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पूजा समितियों को उनके अच्छे कार्य के लिए सम्मान स्वरूप राज्य सरकार द्वारा प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2009
बुधवार, 21 अक्टूबर 2009
जदयू के तीन सांसदों की सदस्यता खतरे में
जनता दल यु ने विधान सभा उप चुनाव में बगावत करने वाले ३ सांसदों को पार्टी से निलंबित कर दिया है। निलंबित होने वाले सांसदों लोक सभा सदस्य जगदीश शर्मा और पूर्णमासी राम तथा राज्य सभा सदस्य एजाज अली हैं। इन पर विधान सभा उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवारों की खिलाफ काम करने का आरोप है। उपचुनाव में जगदीश शर्मा की पत्नी शांति शर्मा घोसी से, पूर्णमासी राम के पुत्र विजय राम बगहा से चुनाव मैदान में थे और दोनों सीटों पर जदयू की हार हुई थी। जबकि एजाज अली पर पार्टी उमीदवारों की खिलाफ kaam करने का आरोप है। उन पर पार्टी निति के खिलाफ भी kaam करने का आरोप है। इन सांसदों के निलंबन का निर्देश जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने दिए।
अब सवाल यह है की क्या इनकी सदस्यता बरकरार रहेगी। पिछले विधान सभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी काम करने के आरोप में भाजपा सांसद जयनारायण निषाद की राज्य सभा सदस्यता समाप्त कर दी गयी थी। तो क्या जदयू सांसदों का भी यही हाल होगा। इस तरह की किसी भी करवाई के liये पार्टी को लोक सभा अध्यक्ष को पत्र लिखना होगा, जिसमे उनके पार्टी विरोधी कार्यों के साक्ष्य देना होगा। स्पीकर इस मामले की सुनवाई भी करेंगी, जिसमे आरोपितों को अपनपक्ष रखने का मौका मिलेगा। इसके बाद ही सदस्यता को लेकर कोई अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा। हालाँकि यह मामला पेचीदा हो गया है। और इस मुद्दे पर लम्बी कानूनी लडाई भी लड़ी जा सकती है।
अब सवाल यह है की क्या इनकी सदस्यता बरकरार रहेगी। पिछले विधान सभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी काम करने के आरोप में भाजपा सांसद जयनारायण निषाद की राज्य सभा सदस्यता समाप्त कर दी गयी थी। तो क्या जदयू सांसदों का भी यही हाल होगा। इस तरह की किसी भी करवाई के liये पार्टी को लोक सभा अध्यक्ष को पत्र लिखना होगा, जिसमे उनके पार्टी विरोधी कार्यों के साक्ष्य देना होगा। स्पीकर इस मामले की सुनवाई भी करेंगी, जिसमे आरोपितों को अपनपक्ष रखने का मौका मिलेगा। इसके बाद ही सदस्यता को लेकर कोई अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा। हालाँकि यह मामला पेचीदा हो गया है। और इस मुद्दे पर लम्बी कानूनी लडाई भी लड़ी जा सकती है।
शिवानन्द तिवारी का दर्द
जदयू सांसद शिवानन्द तिवारी का दर्द किसी से छुपा नहीं है। वे छुपाते भी नहीं हैं। साफ-साफ बोलने में विश्वाश करते हैं। उन्होंने पटना में दैनिक हिंदुस्तान द्वारा आयोजित समागम में स्वीकार किया कि sअवर्ण जातियों की राजनीति में हालत बुरी हो गयी है। वे राजनीति की पहली लाइन से बाहर हो गए हैं। उनके ही शब्दों में- हम नीतिश की ढोल बजाये या लालू की या किसी और की। बजाना ढोल ही है।
यह दर्द अकेले शिवानन्द तिवारी की नहीं है। इससे सारा सवर्ण जात पीड़ित है। संख्या बल में कम होने और लोकतंत्र की जड़ मजबूत होने के साथ सवर्ण सत्ता की राजनीति में कमजोर होते गए। पिछड़ी जातियों के साथ गढजोड़ उनकी मजबूरी हो गयी। भाजपा का जदयू के साथ गठबंधन इसी का नतीजा है। जेपी आन्दोलन के महत्वपूर्ण नेता रहे शिवानन्द तिवारी को आन्दोलन के करीब २० साल बाद विधान सभा में जाने का मौका मिला।
यह भी एक महत्वपूर्ण तथ्य है कि शिवानन्द तिवारी ने १९७७ के विधान सभा चुनाव में जनता पार्टी का टिकट लौटा दिया था कि जिस वन्सवाद के खिलाफ हम लड़ते रहे हैं , उसको बढ़ावा नहीं देंगे। उल्लेख्निये है कि उस समय उनके पिता रामानंद तिवारी सांसद थे।
शिवानन्द तिवारी एक मात्र नेता हैं, जिनका नीतिश कुमार और लालू यादव दोनों के दरबार मजबूत पकड़ रही है। अपनी वाक्पटुता के लिए भी वे जाने जाते रहे हैं। लालू यादवने उन्हें राज्य सभा में नहीं भेजा तो वे नीतिश का ढोल बजाने लगे और नीतिश ने ढोल बजाने के लिए राज्य सभा में भेज दिया।
एक बार लालू चालीसा लिखने वाले को लालू यादव ने राज्य सभा में भेज दिया था तो नीतिश ने ढोल बजाने वाले को राज्य सभा में भेज दिए।
इससे इत्तर देखे तो शिवानन्द तिवारी की पीडा बदल रहे सामाजिक ढांचे को लेकर भी है समाजवाद की राजनीति करते-करते वे कब brahmanvad और सवर्णवाद की राजनीति करने लगे, ये बात उनके करीबी लोगों को भी समझ में नहीं आयी। उनके बदलाव को लेकर हम मुखालफत करते रहें हैंसवर्णवाद की राजनीति में कामयाब हो , यही कामना है।
यह दर्द अकेले शिवानन्द तिवारी की नहीं है। इससे सारा सवर्ण जात पीड़ित है। संख्या बल में कम होने और लोकतंत्र की जड़ मजबूत होने के साथ सवर्ण सत्ता की राजनीति में कमजोर होते गए। पिछड़ी जातियों के साथ गढजोड़ उनकी मजबूरी हो गयी। भाजपा का जदयू के साथ गठबंधन इसी का नतीजा है। जेपी आन्दोलन के महत्वपूर्ण नेता रहे शिवानन्द तिवारी को आन्दोलन के करीब २० साल बाद विधान सभा में जाने का मौका मिला।
यह भी एक महत्वपूर्ण तथ्य है कि शिवानन्द तिवारी ने १९७७ के विधान सभा चुनाव में जनता पार्टी का टिकट लौटा दिया था कि जिस वन्सवाद के खिलाफ हम लड़ते रहे हैं , उसको बढ़ावा नहीं देंगे। उल्लेख्निये है कि उस समय उनके पिता रामानंद तिवारी सांसद थे।
शिवानन्द तिवारी एक मात्र नेता हैं, जिनका नीतिश कुमार और लालू यादव दोनों के दरबार मजबूत पकड़ रही है। अपनी वाक्पटुता के लिए भी वे जाने जाते रहे हैं। लालू यादवने उन्हें राज्य सभा में नहीं भेजा तो वे नीतिश का ढोल बजाने लगे और नीतिश ने ढोल बजाने के लिए राज्य सभा में भेज दिया।
एक बार लालू चालीसा लिखने वाले को लालू यादव ने राज्य सभा में भेज दिया था तो नीतिश ने ढोल बजाने वाले को राज्य सभा में भेज दिए।
इससे इत्तर देखे तो शिवानन्द तिवारी की पीडा बदल रहे सामाजिक ढांचे को लेकर भी है समाजवाद की राजनीति करते-करते वे कब brahmanvad और सवर्णवाद की राजनीति करने लगे, ये बात उनके करीबी लोगों को भी समझ में नहीं आयी। उनके बदलाव को लेकर हम मुखालफत करते रहें हैंसवर्णवाद की राजनीति में कामयाब हो , यही कामना है।
मंगलवार, 20 अक्टूबर 2009
बिहारी बाबु लोकसभा से देंगे इस्तीफा!
बिहारी बाबु के नाम से चर्चित पटना से भाजपा के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा लोक सभा से इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद उनके कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावना है। पटना पहुंचा रही खबरों के अनुसार उन्हें बिहार के कोटे से केंद्रीय मंत्री बनाये जाने का आश्वाशन मिल चूका है। अभी वे इस्तीफा की तारीख नहीं तय कर पाए हैं। उनके मन में संशय चुनाव फिर से जितने को लेकर है।
पटना हिंदुस्तान की तरफ से आयोजित हिंदुस्तान समागम में उन्होंने प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस महासचिव सांसद राहुल गाँधी की जम कर तारीफ की। इस सबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो अच्छा काम कर रहा है, उसकी तारीफ की जानी चाहिए।
भाजपा संगठन में अपनी उपेक्षा से आहात बिहारी बाबु भाजपा नेतृत्व पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोडते हैं, हालाँकि राजग सरकार के मुखिया नीतिश कुमार की तारीफ करने में कोई कसार नहीं छोड़ते हैं।
पटना संसदीये क्षेत्र की बनावट शहरी और कायस्थ बहुल है। वे अपनी फ़िल्मी छवि और जातिये आधार को देखते हुए लोक सभा छोड़ने का जोखिम उठाना चाहते है। उनके पक्ष में एक बड़ी बात है कि उनके जोड़ का कोई नेता दूसरी पार्टी में नहीं हैं। भाजपा में तो बिलकुल नहीं। यदि वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं तो लालू यादव और रामविलास पासवान भी उनके खिलाफ अपने उम्मीदवार नहीं देंगे। इस प्रकार लालू यादव भी सोनिया गाँधी से राजनीतिक सम्बन्ध सुधारने की कोशिश करेंगे। यदि बिहारी बाबु चुनाव जीत जाते हैं तो केंद्रीय मंत्री बनाने का रास्ता साफ हो जायेगा और हार जाते हैं तो लालू यादव के समर्थन से राज्य सभा जाने को विकल्प भी बचा हुआ है।
पटना हिंदुस्तान की तरफ से आयोजित हिंदुस्तान समागम में उन्होंने प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस महासचिव सांसद राहुल गाँधी की जम कर तारीफ की। इस सबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो अच्छा काम कर रहा है, उसकी तारीफ की जानी चाहिए।
भाजपा संगठन में अपनी उपेक्षा से आहात बिहारी बाबु भाजपा नेतृत्व पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोडते हैं, हालाँकि राजग सरकार के मुखिया नीतिश कुमार की तारीफ करने में कोई कसार नहीं छोड़ते हैं।
पटना संसदीये क्षेत्र की बनावट शहरी और कायस्थ बहुल है। वे अपनी फ़िल्मी छवि और जातिये आधार को देखते हुए लोक सभा छोड़ने का जोखिम उठाना चाहते है। उनके पक्ष में एक बड़ी बात है कि उनके जोड़ का कोई नेता दूसरी पार्टी में नहीं हैं। भाजपा में तो बिलकुल नहीं। यदि वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं तो लालू यादव और रामविलास पासवान भी उनके खिलाफ अपने उम्मीदवार नहीं देंगे। इस प्रकार लालू यादव भी सोनिया गाँधी से राजनीतिक सम्बन्ध सुधारने की कोशिश करेंगे। यदि बिहारी बाबु चुनाव जीत जाते हैं तो केंद्रीय मंत्री बनाने का रास्ता साफ हो जायेगा और हार जाते हैं तो लालू यादव के समर्थन से राज्य सभा जाने को विकल्प भी बचा हुआ है।
सोमवार, 19 अक्टूबर 2009
लालू पर जदयू का पलटवार
रविवार को गोबर्धन पूजा के मौके पर राजद प्रमुख लालू यादव ने कहा था कि सस्ता आलू चाहिए तो लालू यादव को सत्ता में वापस लायें। उनके इस बयान pआर पटलवार करते हुए जदयू नेता निहोरा प्रसाद यादव ने कहा है कि लालू राज में नून से ज्यादा सस्ता खून था। उन्होंने कहा कि लालू राज में कोई सुरक्षित नहीं था। इसके विपरीत नीतिश कुमार के राज में कानून व्यवस्था की स्थिति संतोष जनक है। हर जगह कानून का राज है। निहोरा यादव ने कहा कि यदि लालू जी महंगाई के प्रति गंभीर हैं तो उन्हें केंद्र सरकार के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि यदि लालू यादव फिर से सत्ता में आते हैं तो जंगल राज वापस आ जायेगा। और उनके रिश्तेदारों का आतंक कायम हो जायेगा.
सवर्णों के पक्ष में खडा हुए नीतिश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को सवर्ण जातियों की छिटक जाने की चिंता सताने लगी है। इस कारन उन जातियों पर डोरे डालने की जुगाड़ में लग गए हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने सोमवार को कहा की लालू यादव और रामविलास पासवान सवर्णों को उनके खिलाफ भड़का रहे हैं। नीतिश कुमार ने बतईदारी कानून के सम्बन्ध में कहा की वैसा कोई कानून विचाराधीन नहीं है। जमीन पर लोगों का मालिकाना हक़ बरकरार रहेगा। नीतिश ने राजपूत और भूमिहारों को भड़काने का आरोप भी लालू-पासवान की जोड़ी पर लगाया। मुख्यमंत्री ने सवर्ण जातियों से अपील की कि लालू-नीतिश के भड़कावे में नहीं आयें।
संजय विधान परिषद् में सतारुध दल के मुख्या सचेतक बने
विधान पार्षद संजय कुमार सिंह सदन में सतारुद दल के मुख्या सचेतक होंगे। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा। इसकी घोषणा मुख्य मंत्री नीतिश कुमार ने की। इसकी सूचना सभापति ताराकांत झा को दे दी गयी है.
संजय विधान परिषद् में सतारुध दल के मुख्या सचेतक बने
विधान पार्षद संजय कुमार सिंह सदन में सतारुद दल के मुख्या सचेतक होंगे। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा। इसकी घोषणा मुख्य मंत्री नीतिश कुमार ने की। इसकी सूचना सभापति ताराकांत झा को दे दी गयी है.
रविवार, 18 अक्टूबर 2009
सस्ता आलू चाहिए तो सत्ता में लालू का लाओ
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा है की सस्ता आलू खाना है तो सत्ता में लालू को लाओ। पटना के कंकड़बाग में श्रीक्रिशाना चेतना समिति के तत्वावधान में आयोजित गोबर्धन पूजा के अवसर पर lओगों को संबोधित करते हुए कहा की महंगाई पर काबू पाने में केन्त्र व राज्य सर्कार पूरी तरह विफल रही है। थाली से दल गायब हो गयी है। आलू २५ रूपए किलो हो गया। अब यदि आपको सस्ता आलू खाना है तो लालू को सत्ता में लाना होगा। उन्होंने नीतिश कुमार पर चुटकी लेते हुए कहा की ग्रहण के मौके पर बिस्कुट खाने के कारन ही सूबे में आकाल की नौबत आई है।
कभी पूजा-पथ के विरोध करने लालू यादव ने पूजा पथ के पक्ष में जमकर तर्क दिए।
इस मौके पर उनके साथ पूर्व संसद रामकृपाल यादव, राजद विधायक अब्दुल बरी सिद्दीकी उपस्तित थे।
कभी पूजा-पथ के विरोध करने लालू यादव ने पूजा पथ के पक्ष में जमकर तर्क दिए।
इस मौके पर उनके साथ पूर्व संसद रामकृपाल यादव, राजद विधायक अब्दुल बरी सिद्दीकी उपस्तित थे।
पार्टी कार्यकर्ताओं को सत्ता की चासनी मिलेगी
बिहार सरकार ने पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने की मुहीम में जुट गयी है। सरकार भाजपा और जदयू कार्यकर्ताओं विभिन्न राजनीतिक पदों पर नियुक्त कर उनका मनोबल बढाएगी। इसके पहले चरण में बिहार नागरिक परिषद् को थाना स्टार तक ला जाने की कोशिश की जा रही है। नागरिक परिषद् पहले से सरकार के लिए सफ़ेद हठी बनी हुई है। सरकार उसे और भरी भरकम बनाने में जुटी है। नागरिक परिषद् में कम से कम एक हजार भाजपा और जदयू कार्यकर्ताओं को खपाया जायेगा।
बिहार में भैया दूज पर बंद रहेंगे सरकारी कार्यालय
बिहार सरकार ने चित्रगुप्त पूजा और भैया दूज के मौके पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। इसलिए २० अकतूबर को सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। इस सबंध में रविवार को मुख्या मंत्री के निर्देश पर आदेश जरी कर दिया गया। बिहार में लम्बे समय से इस त्यौहार पर अवकाश की मांग की जा रही थी।
सोमवार, 5 अक्टूबर 2009
प्रशासन में व्यापक फेरबदल
राज्य सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के व्यापक फेरबदल किया है। कई जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों का तबादला कर दिया गया है। बेतिया, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और भोजपुर के एसपी बदले गए हैं। सीआरपीऍफ़ नार्थ सेक्टर के आईजी के एस द्विदेदी को आईजी ओपरेशन बनाया गया है। वहीँ आईजी आपरेशन एस के भारद्वाज को आईजी रेलवे बनाया गया है। बेतिया के डीआइजी परेश सक्सेना को बिहार पुलिस एकेडमी का उप निदेशक बनाया गया है। मुजफ्फरपुर के डीआइजी बी श्रीनिवासन को बेतिया डीआइजी का अतिरिक्त प्रभार सौपा गया है। रेलवे डीआइजी अरबिंद पाण्डेय को सरन का डीआइजी बनाया गया है। बेतिया के एसपी अनुपम को गोपालगंज का एसपी और गोपालगंज के एसपी अम्रिराज को बेतिया का एसपी बनाया गया है। सुधान्धू कुमार को भोजपुर और सुनील कुमार मुजफ्फरपुर का एसपी बनाया गया है।
उदा सरकार ने कई जिलाधिकारियों को भी इधर उधर किया है। राहुल सिंह को भागलपुर का जिलाधिकारी और आनंद किशोर को मुजफ्फरपुर का दिएम बनाया गया है। वंदना प्रियसी को नगर विकाश विभाग में निदेशक बनाया गया है। इनके जिम्मे कई अतिरिक्त प्रभार भी है।
आप भी प्रशासनिक खबरे हमें भेज सकते हैं। मोबाइल है ०९३०४१७०१५४
email. kumarbypatna@gmail.com & bnapatna@gmail.com
उदा सरकार ने कई जिलाधिकारियों को भी इधर उधर किया है। राहुल सिंह को भागलपुर का जिलाधिकारी और आनंद किशोर को मुजफ्फरपुर का दिएम बनाया गया है। वंदना प्रियसी को नगर विकाश विभाग में निदेशक बनाया गया है। इनके जिम्मे कई अतिरिक्त प्रभार भी है।
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शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2009
आमिर सुभानी नए गृहसचिव बने
राज्य सरकार गृह और कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव समेत करीब आधा दर्जन वरिष्ठ अधिकारीयों का तबादला कर दिया है। कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुभानी को गृह सचिव बनाया गया है। जबकि गृह विभाग के प्रधान सचिव अफजल अम्म्नुलाह को नगर विकाश और आवश विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है। सुभानी के पासा अल्पसंख्यक कल्याण और उत्पाद विभाग का अतिरिक्त प्रभार होगा। सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव आर के खंडेलवाल को beltron के निदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। दीपक कुमार को कार्मिक और प्रशासनिक विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है। मिहिर कुमार सिंह वित्त विभाग में नए सचिव होंगे। वित्त सचिव संतोष मैथ्यू को पदस्थापन की प्रतीक्षा में कार्मिक विभाग बुला लिया गया है।
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